THE BASIC PRINCIPLES OF वशीकरण मंत्र किसे चाहिए

The Basic Principles Of वशीकरण मंत्र किसे चाहिए

The Basic Principles Of वशीकरण मंत्र किसे चाहिए

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वाराही शाबर मंत्र

ॐ नमो आदेश गुरु का एक फूल फूल भर दोना चौंसठ योगिनी ने मिल किया टोना फूल फूल वह फल न जानी हनुमन्त वीर घेर घेर दे आनी जो सूंघे इस फूल की बास उसका जी प्राण हमारे पास सोती होय तो जगाय लाव बैठी होय तो उठाय लाव और देखे जरे बरै, मोहि देखि मोरे पायन परे मेरी भक्ति गुरु की शक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा वाचा वाची से टरे तो कुम्भी नरक में परे।

ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं मोहिनी देवी (अमुक) वश्यं कुरु कुरु स्वाहा॥

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं (अमुक) मम वश्यं कुरु कुरु स्वाहा॥

यह मंत्र विवाह संबंधी मुद्दों के समाधान के लिए उपयोग किया जाता है। इसके उच्चारण से, आप विवाहित या विवाह करने वाले व्यक्ति को अपने वश में कर सकते हैं और उन्हें अपने साथ एक सम्बंध बनाने में मदद कर सकते हैं।

कामनां देहिमे नित्यं, कामेश्वरी नमोस्तुते ।

नमो भगवते कामदेवाय सर्वजन प्रियाय सर्वजन सम्मोहनाय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल हन हन वद वद तप तप सम्मोहय सम्मोहाय सर्वजन मे वशं कुरू कुरू स्वाहा

विधि: पहले यह मन्त्र ग्यारह सौ बार जप करके सिद्ध कर लें। फिर जब आँधी चल रही हो तब एक लौंग मुँह में रखकर खुली जगह पर खड़ा होकर इस मन्त्र को एक ही सांस में सात बार जप कर हाथ फैलाकर आँधी की मिट्टी को मुट्ठी में भर लें। फिर इस मिट्टी में मुख में रखी लौग को निकालकर पीस लें और मन्त्र से सात बार अभिमन्त्रित करके जिस भी स्त्री के सिर पर डाला जायेगा, वह जीवनभर के लिए साधक के प्रति मोहित हो जायेगी। फलानी के स्थान पर साध्य स्त्री का नाम लेना चाहिये।



मोहिनी वशीकरण मंत्र साधना में जप के दौरान जिस माध्यम पर प्रयोग करना है उसका नाम ले.

इस मन्त्र को किसी शुभ मुहूर्त में सवा लाख जप करके सिद्ध कर लें। फिर प्रयोग करते समय फूल को एक सौ आठ बार अभिमन्त्रित कर जिस स्त्री के सिर पर डाला जायेगा, read more वह साधक पर पूरी तरह से मोहित हो जाती है। अमुकीं के स्थान पर साध्य स्त्री का नाम लें।

वशीकरण का नैतिक उपयोग इस पर निर्भर करता है कि इसे किस उद्देश्य से किया जा रहा है। जब इसका उपयोग रिश्तों को सुधारने, सकारात्मक बदलाव लाने, और जीवन को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है, तो यह फायदेमंद साबित होता है। लेकिन गलत इरादों से इसका उपयोग हानिकारक हो सकता है और इसे पारंपरिक शास्त्रों में निषेध किया गया है।

ग्रहण समाप्त होने पर उन चारों लौंग को निकालकर ताबीज में भर लें। जब इस प्रयोग की आवश्यकता हो, तो चार लौंग को मंत्र से सात बार अभिमंत्रित करें और ताबीज से स्पर्श कराएं। इसके बाद, जिसे भी यह लौंग खिलाई जाएगी, वह व्यक्ति साधक के प्रभाव में आ जाएगा।

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